डोंगीतराई के पूर्व सरपंच व पूर्व सचिव द्वारा किये गए भ्रष्टाचार हुआ उजागर, जांच अधिकारियों ने की कार्यवाही की अनुशंसा
मोर अभनपुर
ग्राम पंचायत डोंगीतराई में पूर्व सरपंच एवं पूर्व सचिव की मिलीभगत से 14वें वित्त की राशि में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।
गांव के सुरेश साहू द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेज और जनपद पंचायत अभनपुर द्वारा की गई कार्यवाही के अनुसार जांच अधिकारी ने पूर्व सरपंच एवं पूर्व सचिव को नाली निर्माण में दोषी पाते हुए उचित कार्यवाही की अनुशंसा की है। डोंगीतराई में सीसी नाली का निर्माण दो जगह होना बताया गया है। मगर ग्रामवासियों को जैसे ही पता चला कि नाली निर्माण होना जिस स्थान पर बताया जा रहा है उस स्थल पर हुआ ही नहीं।
सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेज के अनुसार ग्राम पंचायत डोंगीतराई में दिखाए गए दो स्थानों पर सीसी नाली निर्माण जिनका वाउचर क्रमांक 88 में 40,859 रू. एवं 89 में 44,985 रू, 18 दिसंबर 2019 को भुगतान करना दिखाया गया है वही पंचायत बैठक 9 अगस्त 2019 के द्वारा 14वें वित्त की राशि 50 हजार रू से कामता यादव के घर से आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 तक सीसी नाली निर्माण प्रस्तावित कर राशि आहरण कर भुगतान करने का उल्लेख किया गया है जबकि कामता यादव के घर से आंगनबाड़ी तक नाली निर्माण का कार्य स्वच्छ भारत मद में दर्ज कर 26 अगस्त 2019 को 49,600 रू. का भुगतान मजदूरी, गिट्टी, रेती क्रय, सेंट्रिंग किराया पर व्यय किया गया है साथ ही जिनका पंचायत बैठक पंजी में उल्लेख नहीं है जिसमें छड़ सीमेंट का भी दर्ज नहीं है।अतः 14वें वित्त वाउचर क्रमांक 88 से 100 बोरी सीमेंट राशि 24,000 रू. भुगतान किया जाना उचित होगा। शेष राशि 16,859 रू. एवं वाउचर क्रमांक 89 की राशि 44,900 रू. कुल राशि 61,844 रू. वसूली योग्य पाया गया। राशि 44,985 रू. का नाली निर्माण के संबंध में पंचायत बैठक पंजी में कहीं उल्लेख नहीं है और ना ही मौके पर स्पष्ट बताया जा रहा है किस राशि से कहां पर नाली निर्माण किया गया है शिकायतकर्ताओं का शिकायत सही पाया गया है।
जांच अधिकारी ने पूर्व सरपंच चित्तलाल साहू एवं पूर्व सचिव सतीश वर्मा ग्राम पंचायत डोंगीतराई से राशि 61,844 रू के भ्रष्टाचार के दोषी पाए गये है । जांच अधिकारी ने पंचायती राज अधिनियम के तहत पूर्व सरपंच एवं पूर्व सचिव के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा की है।
इससे पहले भी पूर्व सरपंच एवं पूर्व सचिव को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया गया है तथा कुछ मामले जांच हेतु विचाराधीन है।