हरिद्वार के अनुदेशक श्री आनंद श्रीवास्तव जी ने चिन्मय फाउंडेशन में बच्चो को सफल होने के लिए दिए मंत्र
देव विद्या संस्कृति के आयोजन के तत्वाधान में आज दिनांक 20.10.2023.को गुरुकुल संस्थान, हरिद्वार के अनुदेशक श्री आनंद श्रीवास्तव जी ने चिन्मय फाउंडेशन के समस्त विद्यार्थियों के शिक्षा, आचरण एवम् व्यवहार पर दिव्य प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों के सफलता के तीन सोपान बताएं P1, P2, P3।
P1=planning
P2=Preparation
P3=Performance
श्री आनंद श्रीवास्तव जी के साथ प्रदर्शन करते हुए
उन्होंने self system,persanality development,Skill,Desire,Dream progress और अनुशासन को अपने शब्दों में उकेरा। जीवन में अभाव का होते हुए भी मेहनत, तपस्या और त्याग से ईश्वर का स्मरण कर लक्ष को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने विज्ञान पद्धति, आधुनिक शिक्षा पद्धति, तकनीकी शिक्षा, रीति रिवाज और नई पीढ़ी की योजनाओं पर विशेष व्याख्या की। उन्होने गायत्री मंत्र जप करने का सूत्र बताया । गायत्री मंत्र जप करने से लक्ष्य की प्राप्ति होती है, असफलता और निराशा दूर होती है भय और चिंता का निवारण होता है तथा सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। अपने अनुभव मे उन्होंने कबीर की दो पंक्तियां कही
करत करत अभ्यास के, जड़ मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते , सिल पर परत निशान।।
इस कार्यक्रम में रिटेल व IT-ITES के छात्र जो गायत्री मंत्र का ध्यान करते हुए मधुरानी,साधना ,धनेश्वरी,टिकेश्वरी,तुलसी, भारती, संगीता, जागृति, ममता, अर्चना, प्राची, नम्रता, निखिल,यशवंत,सिमरन,लेखा, हर्षलता, मनीषा, इंदु, टिकेश्वर, टिकेश्वरी, केशव , पूजा,अनुज, काजल, कविता, कुन्दन, प्रदीप , सुभम, योगिता,पूजा,हेमराज,पायल, डालीमा, दिव्या, चंचल, भीमेश्वरी, मीनाक्षी, विद्या देवी, प्रेरणा, मनीषा, रीना, काजल शीतु, कुसुम, आरती, कामनी,विभा, भूमिका, शालिनि सुजल मंजू,निराज ,गीतांजली, आरती, गायत्री, मोनिका एवं कृतिमान इस कार्य में उपस्थित थे।