विकास के दावों की खुलती पोल: गर्भवती महिला को कांवर में लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चले ग्रामीण, इस बेबसी का जिम्मेदार कौन?
विकास के दावों की खुलती पोल: गर्भवती महिला को कांवर में लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चले ग्रामीण, इस बेबसी का जिम्मेदार कौन?
सरगुजा। शासन-प्रशासन विकास के बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इन दावों की पोल खुल जाती है. एक ऐसा ही चिंताजनक मामला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के ग्राम तिरकेला से सामने आया है. सड़क की खराब स्थिति के कारण एक गर्भवती महिला को परिजनों ने कांवर में बैठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
ग्राम तिरकेला निवासी गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने एंबुलेंस बुलाया, लेकिन खराब सड़क की वजह से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी. परिजनों ने कांवर के सहारे महिला को मुख्य सड़क तक पहुंचाया, जहां से एंबुलेंस ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुन्नी पहुंचाया. हालांकि महिला का सुरक्षित प्रसव हो गया है और जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित है.
टीकाकरण अधिकारी मेडिकल कॉलेज डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि यह मामला मीडिया के जरिये संज्ञान में आया है. उन्होंने बताया लखनपुर के तिरकेला गांव का है, जिसमें मझवार फैमिली की महिला थी जिसकी गर्भावस्था का समय पूरा हो गया था. एंबुलेंस मुख्य मार्ग तक पहुंच गई थी. परंतु घर से मुख्य मार्ग तक लाने के लिए टोकरी सहारे कंधे में ढोकर लाया गया. वाकई में यह सोचने का विषय है.
डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए वैकल्पिक योजनाएं बनाई जा रही हैं. ग्राम समिति और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से इन दुर्गम क्षेत्रों में सड़क निर्माण और एंबुलेंस पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.