दावड़ा विश्वविद्यालय में तुलसीदास संघानी जी का जन्मदिवस वृक्षारोपण के माध्यम से मनाया गया

खास रिपोर्ट | 19 अप्रैल 2025 | दावड़ा विश्वविद्यालय परिसर
दावड़ा विश्वविद्यालय में आज मानद निदेशक तुलसीदास संघानी जी का जन्मदिवस एक विशेष और पर्यावरण-संवेदनशील पहल के साथ हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। समारोह का मुख्य आकर्षण रहा — वृक्षारोपण, जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी, संकाय सदस्य, छात्र एवं आमंत्रित अतिथियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
इस आयोजन का उद्देश्य केवल जन्मदिवस का उत्सव नहीं था, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक करना और प्रकृति के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाना भी था। कार्यक्रम स्थल — उन्नति भवन के सामने स्थित ग्राउंड — को हरियाली से सजाया गया था, जहाँ दोपहर 12:00 बजे से वृक्षारोपण का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने मामा जी (तुलसीदास संघानी) के नेतृत्व और उनके विचारों की सराहना की, जिन्होंने अपने जन्मदिवस को केवल व्यक्तिगत खुशी का अवसर न मानकर, समाज और प्रकृति के कल्याण से जोड़ा।
मामा जी ने व्यक्त किया आभार और दिया प्रेरणादायी संदेश
इस अवसर पर भावुक होते हुए तुलसीदास संघानी जी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा:
"मेरे जन्मदिवस के इस पावन अवसर को आप सभी ने जिस आत्मीयता, स्नेह और सम्मान के साथ यादगार बना दिया, उसके लिए मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। वृक्षारोपण जैसे पर्यावरण-संवेदनशील आयोजन से यह दिन मेरे लिए अत्यंत भावुक और प्रेरणादायी बन गया।"
उन्होंने दावड़ा विश्वविद्यालय के सीईओ श्री चिन्मय दावड़ा जी का विशेष आभार प्रकट किया और कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व में विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में नित नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है। साथ ही, उन्होंने सभी अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के समर्पण को भी नमन किया।
अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार से अपील की:
"इस संस्था की प्रगति यात्रा को केवल कर्तव्य नहीं, एक साधना मानिए। यह संस्था केवल एक शिक्षा केंद्र नहीं, बल्कि हमारे सामूहिक प्रयासों से विकसित होता भविष्य है — विद्यार्थियों, समाज और देश के लिए।"
कार्यक्रम का समापन सामूहिक वृक्षारोपण और सभी सहभागियों को पर्यावरण सुरक्षा की शपथ दिलाने के साथ हुआ।