परिवार की हिम्मत, आस और विश्वास का मूर्तरूप होता पिता:-चिन्मय दावड़ा

फादर्स डे आज,अपने देवत्व तुल्य पिता का करे सम्मान

परिवार की हिम्मत, आस और विश्वास का मूर्तरूप होता पिता:-चिन्मय दावड़ा

मोर अभनपुर

श्री दावड़ा शैक्षणिक प्रतिष्ठान एवम चिन्मय फाउंडेशन के संस्थापक चिन्मय दावड़ा ने पितृ दिवस के की शुभकामनाएं देते कहा कि समस्त देवत्व तुल्य पिता को प्रणाम करता हूं तथा अंचल के समस्त प्रियजनों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने अपने देवत्व तुल्य पिता का आदर एवम् सम्मान करें जिनके सर पर पिता का हाथ होता है, जिद भी पूरी होती है, अगर पिता का साथ होता है पिता उस दीए की तरह होता है जो खुद जलकर औलाद का जीवन रोशन करता है।

पिता बरगद के पेड़ के समान होता है जो सिर्फ देना जानता है। वह परिवार का हिम्मत, आस और विश्वास का मूर्तरूप होता है।पिता जीवन की राह दिखाने वाले मशाल होते हैं तथा जीवन की परेशानियों से बचाने वाले ढाल होते हैं।पिता वह कुम्हार होता है जो अपनी डांट से ठोक पीटकर बच्चों को अच्छा इंसान बनाता है वह बेरंग जीवन में,अपने खून पसीने से खुशियों का रंग भर देता है