अभनपुर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने उरला शराब दुकान बंद करने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

शराब एक गंभीर सामाजिक बुराई है जिसके चलते परिवार हो रहे है बर्बाद

अभनपुर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने उरला शराब दुकान बंद करने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

मोर अभनपुर 

 ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन (AIMSS) और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO) (अभनपुर) के द्वारा छोटे उरला (अभनपुर) स्थित शराब दुकान बंद कराने व छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराब बंदी की मांग को लेकर एसडीएम अभनपुर को ज्ञापन सौंपा गया।

संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि छोटे उरला स्थित शराब दुकान के कारण छोटे उरला व अभनपुर के आसपास के गांव में माहौल खराब होते जा रहा है आये दिन लड़ाई झगड़ा होते रहते है। छोटे छोटे बच्चे नशा के आदि होते जा रहे है घर का पैसा राशन व इलाज में लगने के बदले शराब में लगाया जाता है जिसके कारण लोग अपने परिवार का न तो ठीक से इलाज करवा पाते है और न ही ठीक से बच्चों को सही समय पर किताब मिल पाता है न ही स्कूल कॉलेज में भर्ती व परीक्षा के लिये रुपया हो पाता है। आप जानते ही है कि शराब पीने से लीवर खराब होता हैं तबियत बिगड़ता है एवं पारिवारिक तनाव बढ़ता है शराब दुकान से किसी भी प्रकार से किसी का भला नहीं हो रहा है उल्टे नुकसान होता हैं परिवार टूटता है अपराध बढ़ता है। ज्ञात हो कि इससे पहले उरला व आस पास के गांव के महिलाओ, युवाओ व छात्रों ने रैली प्रर्दशन कर आबकारी मंत्री /मुख्यमंत्री महोदय के नाम एसडीएम अभनपुर को कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका है । राज्य सरकार चुनाव के पहले पूरे राज्य में पूर्ण शराब बंदी लागू करने का वादा किया था लेकिन आज सरकार अपने वादे से पीछे हट रही है और तर्क दे रही है कि जनता चाहेगी तो शराब बंद कर देंगे , जनता ने तो कभी शराब मांगा ही नही था । जनता तो पूर्ण शराबबंदी, अच्छी शिक्षा, इलाज ,रोजगार सुरक्षा आदि मांग कर रही है। अब राज्य सरकार को भी आम जनता और राज्य की खुशहाली, समृद्धि, तरक्की के लिए प्रमुख दायित्व बन जाता है कि वे अपना वादा पूरा करे और छोटे उरला स्थित शराब दुकान तत्काल बंद करें।

उन्होंने बताया कि नवजागरण काल एवं आजादी आंदोलन के दौरान सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी गयी थी और उस समय मांग उठी थी कि एक ऐसा समाज बनाया जाये जहाँ ये कुरीतियां समाज में रुकावट न बने इन कुरीतियों के खिलाफ प्रेमचंद शरतचन्द्र जैसे साहित्यकारो ने अपनी कलम चलाई थी आज भी हम देख रहे है कि शराब एक भयंकर सामाजिक बुराई के रूप में दिखाई दे रही है आज देश में शराब के कारण महिलाओं व बालिकाओं पर लगातार अपराध बढ़ते जा रहा है आंकड़े बताते है कि महिलाओं पर दुष्कर्म व अपराध के

अधिकतर मामले शराब व नशे के कारण होता है शराब एक गंभीर सामाजिक बुराई है जिसके चलते परिवार बर्बाद हो रहे हैं। एक ही परिवार का सदस्य अपने ही लोगो को नशे में धुत होकर जान से मार दे रहे है । लोगों में कई तरह की जटील बीमारियां, राज्य में कई तरह की संगीन अपराध, प्रतिदिन महिलाओं और बच्चियों पर बलात्कार, घरेलू हिंसा हो रहा है। रोज समाचार पत्रों में शराब के कारण होने वाली अपराधिक घटनाएं की जानकारी मिलती रहती है। इन घटनाओं का खामियाजा पूरे देश और समाज के साथ सबसे अधिक महिलाओं को आर्थिक, शारीरिक, मानसिक आदि रूप से झेलना पड़ता है।

ज्ञापन देने के समय छात्र संगठन AIDSO ब्लॉक प्रभारी नंदकिशोर, महिला संगठन AIMSS ब्लॉक प्रभारी उर्वशी बांधे, चमेली साहू, चमेली बाई, रमा यादव, प्रीतम साहू, दीपक साहू, श्रुति ताम्रकार, राहुल सेन, नेहा सिन्हा, प्रियंका सिन्हा, सोनिया ताम्रकार, डिगेश्वरी साहू के सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।